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FATF: ग्रे लिस्ट में बना रह सकता है पाकिस्तान, पेरिस बैठक के दौरान यूरोपीय देशों पाक पर साधा निशाना

FATF: ग्रे लिस्ट में बना रह सकता है पाकिस्तान, पेरिस बैठक के दौरान यूरोपीय देशों पाक पर साधा निशाना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक पेरिस में शुरू हो गई है। यह 26 फरवरी तक चलेगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान के एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर निकलने की उम्मीद नहीं है। क्योंकि, यूरोपीय देशों की सख्ती के साथ कहा है कि ने FATF द्वारा निर्धारित कार्ययोजना के सभी बिंदुओं को पूरी तरह से लागू नहीं किया है।

पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, एफएटीएफ का पूर्ण सत्र 22 फरवरी से 25 फरवरी तक पेरिस में आयोजित होगा, जिसमें पाकिस्तान सहित ‘ग्रे सूची’ के विभिन्न देशों के मामलों पर विचार किया जाएगा और बैठकों के समापन पर इस पर निर्णय लिया जाएगा।

फिलहाल ग्रे लिस्ट में
पाकिस्तान तीन साल से ग्रे लिस्ट में है। 2018 में उसे इस लिस्ट में रखा गया था। FATF ने पिछले साल उसे 23 पॉइंट का एक प्रोग्राम सौंपा था। संगठन ने कहा था कि न सिर्फ इन शर्तों को पूरा करना है बल्कि, इसके पुख्ता सबूत भी देने होंगे। अब greekcitytimes की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान सरकार की कार्रवाई से FATF संतुष्ट नहीं है। बहुत मुमकिन है कि उसे ब्लैक लिस्ट किया जाए या आखिरी चेतावनी के तौर पर ग्रे लिस्ट में ही रखा जाए।

भारत में वांछित आतंकियों पर कार्रवाई भी शामिल 
अक्टूबर, 2020 में आयोजित अंतिम पूर्ण सत्र में FATF ने निष्कर्ष निकाला था कि पाकिस्तान फरवरी, 2021 तक अपनी ‘ग्रे लिस्ट’ में जारी रहेगा, क्योंकि यह वैश्विक धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी के 27 में से 6 दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है। उसके अनुसार, इसमें भारत के दो सबसे वांछित आतंकवादी – जैश-ए मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई भी शामिल है।

अजहर और सईद भारत में कई आतंकवादी कृत्यों में उनकी संलिप्तता के लिए सबसे वांछित आतंकवादी हैं, जिनमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला और पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर आतंकी हमला शामिल है।

आतंकी संगठनों को अब भी फंडिंग
रिपोर्ट के मुताबिक, FATF के पास इस बात की जानकारी है कि पाकिस्तान सरकार ने अब तक जेयूडी और जैश के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की है। ये दोनों ही संगठन पाकिस्तान की जमीन से बेखौफ काम कर रहे हैं। अमेरिका ने भी पिछले दिनों कहा था कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों की पनाहगाह के तौर पर इस्तेमाल होने से रोकना होगा। अमेरिका के लिए अफगानिस्तान में दिक्कतें पाकिस्तान की वजह से ही बढ़ रही हैं।

चेतावनी भी दी थी
FATF के प्रेसिडेंट मार्कस प्लीयर ने अक्टूबर की रिव्यू मीटिंग में कहा था- पाकिस्तान की कार्रवाई में बेहद गंभीर खामियां सामने आई हैं। हम उसे एक मौका और दे रहे हैं। इस बारे में फरवरी में विचार किया जाएगा। हम चाहते हैं कि कार्रवाई से पहले वहां की सरकार को एक मौका और दिया जाए। इसके बाद तय किया जाएगा कि क्या एक्शन लिया जाए। हम हमेशा राहत नहीं दे सकते। रिपोर्ट के मुताबिक, FATF के पास कुछ इंटेलिजेंस वीडियो फुटेज मौजूद हैं, इनसे पता लगता है कि जमात और जैश के आतंकी सरगना अब भी खुलेआम काम कर रहे हैं। एक वीडियो अक्टूबर 2020 का है।

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Pakistan can remain in FATF’s gray list
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